09) विजयमेरु जिनालय पूजा
(पूजा नं.9) विजयमेरु जिनालय पूजा अथ स्थापना—अडिल्ल छंद द्वीप धातकी खंड, दूसरो जानिये। विजयमेरु तामें, पूरब दिश मानिये।। सहस चुरासी योजन ऊँचा वरणिये। सोलह जिनवर भवन, जजूँ हर्षित हिये।।१।। —दोहा— अकृत्रिम जिनबिंब का, नित्य करूं आह्वान। यहाँ पधारो नाथ अब, करो सकल कल्याण।। ॐ ह्रीं श्रीविजयमेरसंबंधिषोडशजिनालयस्थसर्वजिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीविजयमेरसंबंधिषोडशजिनालयस्थसर्वजिनबिम्बसमूह! अत्र…