01.3 श्रावक के षोडश संस्कार
श्रावक के षोड़श संस्कार जैसे खान में से निकला स्वर्ण पाषाण उचित निमित्त मूल्यवान बन जाता है और ईंट, चूना, आदि का निर्माण, कारीगर के संयोग से सुन्दर महल के रूप में किया जाता है, उसी प्रकार मानव पर्याय में गर्भ में आते ही बालक-बालिकाएं उपयोगी संस्कार मिल जाते हैं। तो उचित बन सकते हैं।…