02.96 पूजा नं.-96 शतार सहस्रार जिनालय पूजा
पूजा नं.-96 शतार सहस्रार जिनालय पूजा अथ स्थापन-नरेन्द्र छंद स्वर्ग शतार व सहस्रार में, छह हजार जिनधामा। शाश्वत मणिमय जिनप्रतिमा से, शोभित अविचल धामा।। चिन्मय मूर्ति निजानंद अनुभव, करें निरंतर मुनिगण। वे भी इन मूर्ती को वंदें, मैं पूजूँ धर रुचि मन।।१।। ॐ ह्रीं शतारसहस्रारस्वर्गसंबंधिषट्सहस्रजिनलायजिनबिम्ब समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं शतारसहस्रारस्वर्गसंबंधिषट्सहस्रजिनलायजिनबिम्ब समूह! अत्र…