02.67 पूजा नं.-67 पश्चिमपुष्करार्ध ऐरावतक्षेत्र भविष्यत्कालीन तीर्थंकर पूजा
पूजा नं.-67 पश्चिमपुष्करार्ध ऐरावतक्षेत्र भविष्यत्कालीन तीर्थंकर पूजा अथ स्थापन-गीता छंद पश्चिम सुपुष्कर द्वीप के, उत्तर दिशा में जानिये। शुभ क्षेत्र ऐरावत वहाँ पर, कर्म भूमी मानिये।। होंगे वहाँ तीर्थेश भावी आज उनकी अर्चना। मैं करूँ इत आह्वानन करके, मोह की कर वंदना।।१।। ॐ ह्रीं पश्चिमपुष्करार्धद्वीपसंबंधिऐरावतक्षेत्रस्थभविष्यत्कालीनचतुा\वशतितीर्थंकर समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं पश्चिमपुष्करार्धद्वीपसंबंधिऐरावतक्षेत्रस्थभविष्यत्कालीनचतुा\वशतितीर्थंकर समूह! अत्र…