14. तीर्थंकर गुण पूजा
(पूजा नं.14) तीर्थंकर गुण पूजा -अथ स्थापना- -शंभु छंद- जो पंच कल्याणक के स्वामी, तीर्थंकर पद के धारी हैं। उनका ही समवसरण बनता, जिसकी शोभा अतिन्यारी है।। यद्यपि उनके गुण हैं अनंत, फिर भी छ्यालिस गुण विख्याते। उनका आह्वानन कर पूजें, वे मेरे सब गुण विकसाते।।१।। ॐ ह्रीं षट्चत्वारिंशद्गुणमंडितचतुर्विंशतितीर्थंकरसमूह! अत्र अवतर अवतर…