37. व्यंतरदेव जिनालय पूजा
पूजा नं.-37 व्यंतरदेव जिनालय पूजा अथ स्थापन-गीता छंद व्यंतर सुरों के गेह में जिनधाम शाश्वत स्वर्ण के। प्रत्येक में जिन बिंब इक सौ आठ शाश्वत रत्न के।। सब असंख्याते जैनमंदिर जैन प्रतिमा को जजूँ। आह्वानन कर पूजूँ यहाँ निज आत्मसुख संपति भजूँ।।१।। ॐ ह्रीं व्यंतरदेवभवनभवनपुरआवासस्थितसंख्यातीतजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं व्यंतरदेवभवनभवनपुरआवासस्थितसंख्यातीतजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र…