24 . तीर्थप्रवर्तनकाल पूजा
पूजा नं.—23 तीर्थप्रवर्तनकाल पूजा —अथ स्थापना-नरेन्द्र छंद— तीर्थंकरों के धर्म प्रवर्तन काल धर्म बरसे है। केवलज्ञानी मुनी आर्यिका होते ही रहते हैं।। तीर्थ प्रवर्तन काल पूजहूँ ऋषि मुनिगण को पूजूँ। आह्वानन स्थापन करके सर्व दुखों से छूटूँ।।१।। ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरतीर्थप्रवर्तनकालकेवलिसाधुसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरतीर्थप्रवर्तनकालकेवलिसाधुसमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं। ॐ…