04. खातिका भूमि पूजा
(पूजा नं.4) खातिका भूमि पूजा -अथ स्थापना- -नरेन्द्र छंद- चौबिस जिनके समवसरण में, भूमि खातिका द्वितयी। फूले कमल कुमुद पुष्पों से, स्वच्छ नीर भृत सुभयी।। हंस प्रभृति पक्षी कलरव ध्वनि, मणिमय सीढ़ी सोहें। पूजूँ जिनवर समवसरण को, सुरनर खग मन मोहें।।१।। ॐ ह्रीं खातिकाभूमिमंडित समवसरणस्थितचतुर्विंशतितीर्थंकरसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …