07. शुक्रग्रहारिष्ट निवारक श्री पुष्पदन्तनाथ पूजा
शुक्रग्रहारिष्ट निवारक श्री पुष्पदन्तनाथ पूजा स्थापना-शंभु छंद हे पुष्पदन्त भगवान् पुष्प तव, चरणों में जब चढ़ता है। पूजन की विधि में सर्वप्रथम, स्थापन कर वह कहता है।। हो गया जन्म सार्थक मेरा, प्रभुपद में जब स्थान मिला। मैं धूल में गिरकर मिट जाता, लेकिन यह तो सौभाग्य खिला।।१।। -दोहा- आह्वानन स्थापना, सन्निधिकरण प्रधान। पुष्पदन्त की…