विश्वशांति की कामना से चल रहा है ऋषभदेव मंदिर अयोध्या में विश्वशांति महावीर विधान ‘‘जैसा अपने मन में विचार किया जाए, वैसा ही दूसरों से कहा जाए और वैसा ही कार्य किया जाए’’ इस प्रकार मन, वचन, काय की सरल प्रवृत्ति का नाम ही आर्जव है। जहाँ पर कुटिल परिणाम का त्याग कर दिया जाता…