22. विद्युन्माली मेरु पूजा
पूजा नं.-19 विद्युन्माली मेरु पूजा अथ स्थापना-गीता छंद श्री मेरु विद्युन्मालि पंचम, द्वीप पुष्कर अपर में। तीर्थंकरों का न्हवन होता है, सदा तिस उपरि में।। सोलह जिनालय हैं वहाँ, सुरवंद्य जिनप्रतिमा तहाँ। आह्वान कर पूजूँ सदा, मैं भक्ति श्रद्धा से यहाँ।।१।। ॐ ह्रीं पश्चिमपुष्करार्धद्वीपस्थविद्युन्मालिमेरुसंबंधिषोडशजिनालयजिनबिम्ब- समूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …