02. त्रिभुवन तिलक जिनालय पूजा
त्रिभुवन तिलक जिनालय पूजा (समुच्चय पूजा) पूजा नं. 1 -नरेन्द्र छंद- त्रिभुवन तिलक जिनालय शाश्वत, आठ कोटि सुखराशी। छप्पन लाख हजार सत्यानवे चार शतक इक्यासी।। प्रति जिनगृह में मणिमय प्रतिमा इक सौ आठ विराजें। आह्वानन कर जजूँ यहाँ मैं जन्म मरण दु:ख भाजें।।१।। ॐ ह्रीं त्रिभुवनसंबंधि अष्टकोटिषट्पंचाशल्लक्षसप्तनवतिसहस्रचतु:- शतैकाशीतिजिनालयजिनबिम्बसमूह! अत्र…