12.6 समयसार में अज्ञानी को सम्बोधन
समयसार में अज्ञानी को सम्बोधन छहढाला में पं. श्री दौलतरात जी ने कहा है कि— ‘‘मोहमहामद पियो अनादि, भूल आपको भरमत वादि।’’ अर्थात् अनादिकाल से यह जीव मोहरूपी मदिरा को पी करके अपने आत्मस्वरूप को भूला हुआ है इसीलिए दुःखी होकर चतुर्गति में परिभ्रमण कर रहा है। आचार्य श्री कुन्दकुन्ददेव भी समयसार में कहते हैं—…