संस्कृत व्याकरण क्लास(आर्यिका चंदनामति माताजी द्वारा) जो आप पढ़ चुके हैं पहले उनको पुनः पढने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें………………… https://www.youtube.com/channel/UCVc-t_6ZV0MZA8tcoiYA4ZA https://www.youtube.com/channel/UCVc-t_6ZV0MZA8tcoiYA4ZA
संस्कृत व्याकरण क्लास(Part-2) (आर्यिका चंदनामति माताजी द्वारा) (आर्यिका चंदनामति माताजी द्वारा) संस्कृत व्याकरण क्लास(Part-1)सुनने के लिए इस पर क्लिक करें………….
संयम द्वारा -आर्यिका सुदृष्टिमति माताजी प्र. ४४७ श्रावक जीवन का सार क्या है? उत्तर : गृहस्थ जीवन संक्षिप्त शब्दों में इस प्रकार प्रतिपादन किया गया है. निर्मल, सम्यदर्शन, निर्दोष अणुव्रत, गुणव्रत तथा शिक्षाव्रतरूप बाहर व्रतों का पालन, मरण के अंत में विधिपूर्वक संल्लेखना यह परिपूर्ण सागार धर्म अथवा उपासकाचार है। प्र. ४४८ : व्रतादि पालन…
स्वाध्याय द्वारा -आर्यिका सुदृष्टिमति माताजी प्र .४४१ : स्वाध्याय को परमतप क्यों कहा गया है? उत्तर: स्वाध्याय परमतप है क्कयोकि स्वाध्याय करते समय मन समीचीन अर्रथ के विचार करने में लग जाता है |वचन पाठ करने में नेत्नेर वर्णों को देखने में और कर्ण शब्दों को सुनने में लीन हो जाते हैं। तथा सर्व इन्द्रिया…