भगवान (तीर्थंकर)
भगवान (तीर्थंकर) जो सभी विकारों से रहित, सर्वज्ञ, वीतरागी और हितोपदेशी हैं, वे जिनेन्द्र भगवान कहलाते हैं। सभी कर्मों से मुक्त होकर वे भगवान लोक के अग्र भाग में शुद्ध परमात्मा रूप में विराजमान हैं। वह ज्ञाता- दृष्टा हैं किन्तु कर्ता-धर्ता नहीं। जैन धर्म में 24 तीर्थंकर होते हैं, जबकि भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ) अरबों वर्ष…