संवेदनशीलता
संवेदनशीलता जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो सुख-दुख के पल हमारी आंखों के सामने घूमने लगते हैं। हमें अपने परिवार और समाज से जो कुछ मिला उससे मन प्रफुल्लित होता है, लेकिन इस आगे बढ़ने की होड़ में कहीं न कहीं हम अपने कोमल हृदय में व्याप्त संवेदनाओं को खोते जा रहे हैं। और…