गणधरवलय विधान
गणधरवलय विधान 01. गणधरवलय यंत्र अभिषेक विधि 02. श्री गौतम गणधर पूजा 03. गणधरवलय विधान 04. अथ गणधरवलय पूजा 04.1 अथ स्तवन 04.2 अथ प्रथम वलय पूजा 04.3 अथ द्वितीय वलय पूजा 04.4 अथ तृतीयवलय पूजा
गणधरवलय विधान 01. गणधरवलय यंत्र अभिषेक विधि 02. श्री गौतम गणधर पूजा 03. गणधरवलय विधान 04. अथ गणधरवलय पूजा 04.1 अथ स्तवन 04.2 अथ प्रथम वलय पूजा 04.3 अथ द्वितीय वलय पूजा 04.4 अथ तृतीयवलय पूजा
अथ तृतीयवलय पूजा अथ मंडलस्योपरि तृतीयवलये (दले) पुष्पांजलिं क्षिपेत् तर्ज—करो कल्याण आतम का, भरोसा है नहीं पल का ….. नमन है सर्व गणधर को, जिन्होेंने कर्म अरि नाशे। नमन उन ऋद्धियों को भी, जिन्हों से आत्मगुण भासे।।टेक।। पराक्रम घोर है जिनका, त्रिजग संहार में क्षम हैं। जलाfध शोषण धरा निगलन, प्रभृति सब कार्य कर पाते।।…
अथ द्वितीय वलय पूजा अथ मंडलस्योपरि द्वितीयवलये (दले) पुष्पांजलिं क्षिपेत्। तर्ज—गोमटेश जय गोमटेश….. आत्मज्योति, जय आत्मज्योति, मम हृदय विराजो-२। हम यही भावना करते हैं, ऐसा आने वाला कल हो।। हो नगर-नगर में जिनभक्ती, सारे जग में शुभ मंगल हो।। …
अथ प्रथम वलय पूजा तर्ज—सद्राह पे जीवन नैया लगा…….. —शंभु छंद— गणधर के गुणों को गाते चलो, मनवांछित फल पा जावोगे। भक्ती से अर्घ्य चढ़ाते चलो, धन सुख संपद पा जावोगे।।टेक.।। कर्मों को जीते वे जिन हैं, आचार्य उपाध्याय साधू भी। जिनकी मुनि की अर्चा कर लो, आतम सुख भी पा जावोगे।। ।।गणधर.।।१।। बहुविध अतिसार…
अथ स्तवन (श्री शुभचंद्राचार्यकृत) —बसंततिलका— बुद्ध्यौषधीरससुविक्रियदेशवीर्य— व्योमक्रियर्द्धितपसा सहितान् मुनीशान्। सत्केवलावधिमन:परिगान् सुबीज— सत्कोष्ठबुद्धिपदसारितया प्रसिद्धान्।। श्रोतृन् सुभिन्नसुगवां लघुदूरतोक्ष— स्पर्शश्रवोरसनिका, वरनासिकानाम्। वेतृन सुगोचरगणान् दशसर्वपूर्व— वेतृन् निमित्तकुशलान् स्तुमहे महर्षीन्।।२।।युग्मं।। प्रत्येकबुद्धवरवादिगणान् प्रधीकान् बुद्ध्यर्द्धियुक्तिकलितान् द्विनव स्तवीमि। विट् खिल्लजल्लपरमामसु सर्वतश्च। रोगापहान् वासुविधान् वरदृष्टिचव्रै:।।३।। —शार्दूलविक्रीडितम्— कुर्वाते लघु वाग्दृशौ सुभविनां मृत्युं विषेण क्रुधा। यत्पाणावपि दुग्धमध्वमृतसत् प्राज्यप्रभं जायते।। दुर्भोज्यं गदितायवै: सुपतितं गह्णन्ति वाचो नरां— स्तद्वस्तान्…
अथ गणधरवलय पूजा अथ स्थापना —चौबोल छंद— तर्ज—आवो बच्चों तुम्हें दिखायें……. आवो हम सब करें अर्चना, गणधर देव प्रधान की। जिनवर दिव्यध्वनी को झेलें, द्वादशांग श्रुतवान की।।वंदे गणधरम्-४ अड़तालिस ऋद्धी को धारें, द्वादशगण के ईश्वर हैं। यंत्ररूप हैं मंत्ररूप हैं, तंत्ररूप भी परिणत हैं।। ऐसे गुरु को वंदन करते, मिले राह कल्याण की।।आवो.।। श्री गणधर…
गणधरवलय विधान प्रारम्भ णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं। णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं।। —गणधरवलय मंत्र— णमो जिणाणं । णमो ओहिजिणाणं।। णमो परमोहिजिणाणं। णमो सव्वोहिजिणाणं।। णमो अणंतोहिजिणाणं। णमो कोट्ठबुद्धीणं।। णमो बीजबुद्धीणं। णमो पादाणुसारीणं।। णमो संभिण्णसोदाराणं। णमो सयंबुद्धाणं।। णमो पत्तेयबुद्धाणं। णमो बोहिय बुद्धाणं। णमो उजुमदीणं। णमो विउलमदीणं।। णमो दसपुव्वीणं। णमो चउदसपुव्वीणं।। णमो अट्ठंग- महा- णिमित्त-कुसलाणं।। णमो…
श्री गौतम गणधर पूजा गीता छंद गणपति गणीश गणेश गणनायक गणीश्वर नाम हैं। गणनाथ गणस्वामी गणाधिप आदि नाम प्रधान हैं।। उन इंद्रभूति गणीन्द्र गौतम स्वामि गणधर को जजूँ। स्थापना करके यहाँ सब कार्य में मंगल भजूँ।।१।। ॐ ह्रीं श्रीगौतमगणधरपरमेष्ठिन्! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीगौतमगणधरपरमेष्ठिन्! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं। ॐ ह्रीं…
गणधरवलय यंत्र अभिषेक विधि अथ यन्त्रोद्धार: (यन्त्रलेखनमित्यर्थ:) —अनुष्टुप्— षट्कोणचक्रमध्ये तु, क्ष्मामध: श्रीं च मस्तके। अर्हं झ्वीं ह्रीं लिखेत्पार्श्वे, दक्षिणे वामत: क्रमात्।।१।। श्रीदक्षिण सप्रणवाऽसि, आ उ सा सहोमकम्। कोणेष्वप्रतिचक्रे फट्, सव्येन स्थापयेत् क्रमात्।।२।। कोणान्तरे विचक्राय, स्वाहा षड् बीजमालिखेत्। कोणाग्रेषु लिखेत् श्रीह्री-धृतिकीर्तिमतीन्दिरा:।।३।। वसु द्व्यष्ट त्रिहाष्टेषु, पत्रेषु ऋद्धिमन्त्रकान्। लिखित्वा मायया वेष्ट्य, क्रों रुद्धं गणधारकम्।।४।। यन्त्रं भूमण्डलोपेतं, लिखित्वा स्थापयेत्…
नंदीश्वर विधान 01. नंन्दीश्वर द्वीप समुच्चय पूजा 02. नंदीश्वर दीप पूर्वदिश जिनालय पूजा 03. नंदीश्वरद्वीप दक्षिणदिश जिनालय पूजा 04. नंदीश्वर द्वीप पश्चिमदिश जिनालय पूजा 05. नंदीश्वरद्वीप उत्तरदिश जिनालय पूजा