16. भगवान श्री अनंतनाथ जिनपूजा
भगवान श्री अनंतनाथ जिनपूजा अथ स्थापना-नरेन्द्र छंद श्री अनंत जिनराज आपने, भव का अंत किया है। दर्शन ज्ञान सौख्य वीरजगुण, को आनन्त्य किया है।। अंतक का भी अंत करें हम, इसीलिए मुनि ध्याते। आह्वानन कर पूजा करके, प्रभु तुम गुण हम गाते।।१।। ॐ ह्रीं श्रीअनंतनाथजिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …