गुरु का स्थान सर्वपूज्य है प्राचीनकाल से कृषि प्रधान इस भारत देश में ऋषियों की परम्परा चली आ रही है। इन्हीं की त्याग तपस्या के बल पर देश का मस्तक गौरव से ऊँचा उठा हुआ है। आचार्यों ने कहा है कि जिस देश का आश्रय लेकर साधु तपस्या करते हैं उनकी तपस्या का छठा भाग…