12. पूर्वधातकीखंड पर्वत जिनालय पूजा
पूजा नं.-11 पूर्वधातकीखंड पर्वत जिनालय पूजा -अथ स्थापना-नरेन्द्र छंद- पूर्व धातकीखंडद्वीप में, छह कुल पर्वत सोहें। गजदंताचल वक्षाराचल, चउ सोलह मन मोहें।। रजताचल चौंतिस इन सबके, जिनगृह साठ कहाये। आह्वानन कर पूजूँ रुचि से, परमानंद बढ़ाये।।१।। ॐ ह्रीं पूर्वधातकीखंडद्वीपसंबंधिकुलाचलगजदंतवक्षारविजयार्धपर्वतस्थित-षष्टि-जिनालयजिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं पूर्वधातकीखंडद्वीपसंबंधिकुलाचलगजदंतवक्षारविजयार्धपर्वतस्थित-षष्टि-जिनालयजिनबिम्बसमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं। ॐ ह्रीं…