01. मंगलाचरण
त्रैलोक्य विधान मंगलाचरण चाल-शेर भगवान महावीर की मैं वंदना करूँ। सन्मति प्रभू से सन्मती की याचना करूँ।। जिनदेवदेव को नमूँ नित भक्ति भाव से। संसार सिंधु को तिरूँ जिन नाम जाप से।।१। कृत्रिम व अकृत्रिम जिनालयों को नित नमूँ। जिनमूर्तियों को वंदते चिन्मूर्ति मैं बनूँ।। मणिरत्न से बनी अनाद्यनंत मूर्तियाँ। सुरनरपती निर्मित जिनेन्द्रचंद्रमूर्तियाँ।।२।। जिनमूर्तियों की…