07. पश्चिमधातकीखण्डद्वीपस्थ तीर्थंकर पूजा
पूजा नं. 4 पश्चिमधातकीखण्डद्वीपस्थ तीर्थंकर पूजा —स्थापना (गीता छंद)— पश्चिम सुधातकि खण्ड में, वर पूर्व अपर विदेह हैं। उनमें सदा विहरें जिनेश्वर, चार अनुपम देह हैं।। ये सूरिप्रभ व विशालकीर्ती, वङ्काधर चंद्रानना। आह्वान कर पूजूँ उन्हें, होवे निजात्म प्रभावना।। ॐ ह्रीं अर्हं पश्चिमधातकीखण्डद्वीपसंबंधिपूर्वापरविदेहक्षेत्रस्थितश्रीसूरिप्रभ- विशालकीर्तिवङ्काधरचंद्रानननामचतुस्तीर्थंकरसमूह!अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …