23. अनुबद्ध केवली पूजा
पूजा नं.—22 अनुबद्ध केवली पूजा —अथ स्थापना-गीता छंद— तीर्थंकरों के तीर्थ में अनुबद्ध केवलि जिन हुये। बहुतेक मुनि अहमिंद्र हुये बहुतेक यतिगण शिव गये।। बहुतेक मुनि सौधर्म आदिक ग्रैवेयक तक भी गये। उन सर्व यति की थापना कर, पूजते सब सुख भये।।१।। ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरतीर्थेषु अनुबद्धकेवलिस्वर्गापवर्गप्राप्तमुनिसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरतीर्थेषु अनुबद्धकेवलिस्वर्गापवर्गप्राप्तमुनिसमूह!…