02.53 पूजा नं.-53 पूर्व पुष्करार्धद्वीप भरतक्षेत्र भावि तीर्थंकर पूजा
पूजा नं.-53 पूर्व पुष्करार्धद्वीप भरतक्षेत्र भावि तीर्थंकर पूजा अथ स्थापना-गीता छंद जो पूर्व पुष्कर भरत में तीर्थेश आगे होयेंगे। निज कर्म कल्मष पुंज को स्वयमेव आगे धोयेंगे।। सच आज भी उन नाम सबके पाप कल्मष धोरहे। पूजॅूं यहाँ आह्वानन कर मेरे सभी पातक दहें।।१।। ॐ ह्रीं पूर्वपुष्करार्धद्वीपसंबंधिभरतक्षेत्रस्थभविष्यत्कालीनचतुा\वशतितीर्थंकर समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं पूर्वपुष्करार्धद्वीपसंबंधिभरतक्षेत्रस्थभविष्यत्कालीनचतुा\वशतितीर्थंकर…