02.13 पूजा नं.-13 मध्यलोक जिनालय पूजा
पूजा नं.-13 मध्यलोक जिनालय पूजा अथ स्थापना-शंभु छंद श्री स्वयंसिद्ध जिनमंदिर यहाँ पर चार शतक अट्ठावन हैं। मणिमय अकृत्रिम जिन प्रतिमा ऋषि मुनिगण में मन भावन हैं।। सौ इंद्रों से वंदित जिनगृह मैं इनकी पूजा नित्य करूँ। आह्वानन संस्थापन करके निज से सन्निध नित्य करूँ।।१।। ॐ ह्रीं मध्यलोकसंबंधिपचमेर्वादिचतु:शतअष्टपंचाशत्जिनालयजिनिंबबसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं…