10.(10.2) वारिषेण मुनि की कथा
वारिषेण मुनि की कथा मैं संसार पूज्य जिनभगवान को नमस्कार कर श्रीवारिषेण मुनि की कथा लिखता हूँ, जिन्होंने सम्यग्दर्शन के स्थितिकरण नामक अंग का पालन किया है। अपनी सम्पदा से स्वर्ग को नीचा दिखाने वाले मगधदेश के अन्तर्गत राजगृह नाम का एक सुन्दर शहर था। उसके राजा थे श्रेणिक। वे सम्यग्दृष्टि थे, उदार थे और…