01. संध्यावंदन
संध्यावंदन —शम्भु छंद— पूर्वाण्ह समय पावन जल से, निज हाथ-पैर-मुख धो करके। वर्णोत्तम श्रावक पूर्व दिशा में, मुख कर बैठे आसन से।। गुरुवर से कहे मंत्र से नित, संध्यावदंन जो करते हैं। वे धर्मध्यान में रत मानव, नित स्वस्थ सुखी ही रहते हैं।।१।। (दोनों हाथ जोड़कर ऐसा संकल्प करें।) ॐ अद्य भगवतो महापुरुषस्य श्रीमदादिब्रह्मणो मते…