59. आनत प्राणत आरण अच्युत जिनालय पूजा
पूजा नं.-59 आनत प्राणत आरण अच्युत जिनालय पूजा अथ स्थापन-नरेन्द्र छंद आनत प्राणत आरण अच्युत, चार स्वर्ग में जानो। सात शतक जिनमंदिर शाश्वत, मणि रत्नों के मानों।। जिनप्रतिमायें मंद हास्य मुख, वंदत निजनिधि देवें। आह्वानन कर हम नित पूजें, सर्व संपदा लेवें।।१।। ॐ ह्रीं आनतप्राणतआरणअच्युतकल्पविमानस्थितसप्तशतजिनलायजिनबिम्ब समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं आनतप्राणतआरणअच्युतकल्पविमानस्थितसप्तशतजिनलायजिनबिम्ब समूह! अत्र…