40. महोरगदेव जिनालय पूजा
पूजा नं.-40 महोरगदेव जिनालय पूजा अथ स्थापन-गीता छंद व्यंतर महोरगके निलय, सब द्वीप सागर तक कहें। इनके भवनपुर और बहु, आवास अकृत्रिम रहें।। सबमें जिनालय राजतें, जिनबिंब मणिमय शाश्वते। हम पूजतें आह्वानन कर, निज आत्म विभव चकासते।।१।। ॐ ह्रीं महोरगव्यंतरदेवभवनभवनपुरआवासस्थितसंख्यातीतजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं महोरगव्यंतरदेवभवनभवनपुरआवासस्थितसंख्यातीतजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं।…