संघादिपूजा
संघादिपूजा शंभु छंद पूजा में आया चउविधसंघ, उसकी विधिवत् पूजा कीजे। पिच्छी व कमंडलु शास्त्र तथा, वस्त्रादि यथायोग्य दीजे।। पूजन कर्ता कारयिता को, धन वस्त्रों से तर्पित कीजे। सब जन मन को आनन्दित कर, पूजन का उत्तम फल लीजे।।१।। दोहा यह विधान जो विधि सहित, करें करावें भव्य। अनुमति दें भी धन्य वे, गुणनंदी हों…