39. नन्दीश्वरद्वीप पूर्वदिश जिनालय पूजा
(पूजा नं.39) नन्दीश्वरद्वीप पूर्वदिश जिनालय पूजा —अथ स्थापना—गीता छन्द— वर द्वीप नन्दीश्वर सुअष्टम, तीन जग में मान्य है। बावन जिनालय देवगण से, वंद्य अतिशयवान हैं।। पूरब दिशा के जैनगृह, तेरह उन्हों की वंदना। थापूँ यहां जिनबिम्ब को, नितप्रति करूँ जिन अर्चना।।१।। ॐ ह्रीं श्री नंदीश्वरद्वीपसंबंधिपूर्वदिक्त्रयोदशजिनालयस्थजिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्री नंदीश्वरद्वीपसंबंधिपूर्वदिक्त्रयोदशजिनालयस्थजिनबिम्बसमूह! अत्र तिष्ठ…