मानुषोत्तर पर्वत के पूर्व के ही ज्योतिष्क देवों का भ्रमण
मानुषोत्तर पर्वत के पूर्व के ही ज्योतिष्क देवों का भ्रमण मानुषोत्तर पर्वत से इधर-उधर के ही ज्योतिर्वासी देवगण हमेशा ही मेरू की प्रदक्षिणा देते हुए गमन करते रहते हैं और इन्हीं के गमन के क्रम से दिन, रात्रि, पक्ष, मास, संवत्सर आदि का विभागरूप व्यवहार काल जाना जाता है।