सुगन्धदशमी कथा
सुगन्धदशमी कथा (१) बसन्त ऋतु धरती को पीत वर्ण से आच्छादित करके अपनी आभा बिखेर रही है, सरसों के खिले पुष्प नर-नारियों का मन आकृष्ट कर रहे हैं, बसन्तक्रीड़ा के इच्छुक दम्पत्ति वन की ओर विहार कर रहे हैं। काशीनगरी के राज पद्मनाभ अपनी रानी श्रीमती को साथ लेकर बसन्तक्रीड़ा की इच्छा से वन को…