कम्पिलपुरी तीर्थ की आरती(A)
कम्पिलपुरी तीर्थ की आरती(A) तर्ज—फूलों सा चेहरा तेरा…………. कम्पिलपुरी तीरथ मेरा, पावन परमधाम है, आरती का थाल ले, तीर्थधाम को जजूँ, जिनधर्म की शान है।।टेक.।। तेरहवें तीर्थंकर श्री विमल हैं, जन्म कम्पिलापुर में लिया। धनद ने माता पिता के महल में, पन्द्रह मास रत्नवृष्टि किया।। देव वहाँ आए, कल्याणक मनाए, उत्सव मनावें नगरी में-२ कृतवर्मा…