बालिकाओं का जीवन
बालिकाओं का जीवन… प्रीति, कीर्ति, लता, कुसुमा, सुषमा, सुधा आदि बालिकाएँ आकर आचार्यश्री के, सर्वमुनियों और आर्यिकाओं के दर्शन करके परम विदुषी प्रमुख आर्यिका के पास पहँुचती हैं और उन्हें ‘वन्दामि’ शब्दोच्चारणपूर्वक नमस्कार करके कुछ प्रश्न करती हैं- सभी कन्यायें हाथ जोड़कर-‘‘वन्दामि माताजी!’’ वरदहस्त उठाकर माताजी आशीर्वाद देती हैं। ‘‘सद्धर्मवृद्धिरस्तु’’ पुन: कन्यायें पूछती हैं-‘‘माताजी, आपका…