माता त्रिशला और महावीर का संवाद (महावीर और त्रिशला का संवाद)
तर्ज-बार-बार तोहे क्या समझाऊँ……….. माता त्रिशला- महावीर ओ वीर लाडला, आजा मेरे पास। आँखों का तारा मेरा, कुण्डलपुरी का युवराज।। आँखों का ………।। बेटा मेरे महलों में अब, शीघ्र बहू ले आ तू। मेरी आशाओं का सुन्दर महल सजाएगा तू। तुझ जैसी सुत की जननी बन, धन्य हुई मैं आज। आँखों का तारा मेरा, कुण्डलपुरी…