विजय देव के नगर का वर्णन
विजय देव के नगर का वर्णन द्वार के ऊपर आकाश में बारह हजार योजन लम्बा और इससे आधे विस्तार वाला विजय देव का नगर है। उसमें चार गोपुरों से संयुक्त सुवर्णमयी तट वेदी है, जो मार्ग व अट्टालिकाओं से सुंदर और द्वारों के ऊपर स्थित जिनपुरों से रमणीय है। इस नगर में नाना प्रकार के…