तिर्यग्गति से आने-जाने के द्वार
“…तिर्यग्गति से आने-जाने के द्वार..” पंचेन्द्रिय पशु यदि मरण करते हैं तो वे चौबीसों दण्डक में (चारों गतियों में) जा सकते हैं। तो पहले आप चौबीस दण्डक को समझ लीजिए- नरक गति का दण्डक-१, भवनवासी के दण्डक-१०, ज्योतिषी देव का-१, व्यंतरों का-१, वैमानिक देवों का-१, स्थावर के-५, विकलत्रय के-३, पंचेन्द्रिय तिर्यंच का-१ और मनुष्य का-१,…