मेरी अभिलाषा
“…मेरी अभिलाषा…” समाहित विषयवस्तु १. पूज्य माताजी यश: काय से सदा अजर-अमर रहेंगी। २. जब तक सूरज-चाँद, धरा-आकाश, नदियाँ-पहाड़ हैं, तब तक माताजी जीवित रहकर हम सबका उपकार करती रहें। ३. पूज्य माताजी स्त्रीलिंग छेद कर, मुनिव्रत धारण कर, केवलज्ञान प्राप्त कर निर्वाण प्राप्त करें-यही अभिलाषा है। ४. लेकिन जब तक माताजी ने निर्वाण नहीं…