भजन
भजन (अक्षय तृतीया-आहार गीत) तर्ज-एक परदेशी………….. प्रभु ऋषभदेव का आहार हो रहा, हस्तिनापुरी में जयजयकार हो रहा।।टेक.।। प्रथम प्रभू का प्रथम पारणा, प्रथम बार जब हुआ महल में।।हुआ…।। पंचाश्चर्य की वृष्टि हुई थी, चौके का भोजन अक्षय हुआ तब।। अक्षय….।। भक्ती में विभोर सब संसार हो रहा, हस्तिनापुरी में जयजयकार हो रहा।।प्रभू……..।।१।। भरत ने नगरि…