भजन
भजन तर्ज-देवा हो देवा….. नम: ऋषभदेवाय, धर्मतीर्थ प्रवर्तिने। सर्वा विद्या कलायस्मादाविर्भूता महीतले।। जय जय ऋषभदेव, जिनवर ऋषभदेव, तुमसे बढ़कर कौन। स्वामी तुमसे बढ़कर कौन-२ सारे जगत में मरुदेवी माता से है बढ़कर कौन माता से है बढ़कर कौन। जय जय ऋषभदेव……..।।१।। सोने जैसी काया तुम्हारी, महिमा बड़ी तीर्थंकर की-२। प्रभु… युग की आदि में जनमे,…