आहार में पाँच प्रकार की वृत्ति-
आहार में पाँच प्रकार की वृत्ति- ‘‘गोचार, अक्षम्रक्षण, उदराग्निप्रशमन, भ्रमणाहार, भ्रामरीवृत्ति और श्वभ्रपूरण, इन पाँच प्रकार की वृत्ति रखकर मुनि आहार ग्रहण करते हैं।’’ जैसे गाय को घास देने वाली स्त्री चाहे सुन्दर हो या असुन्दर, वह गाय स्त्री की सुन्दरता अथवा वस्त्राभूषणों को न देखकर मात्र अपनी घास पर दृष्टि रखती है। वैसे ही…