श्री गौतमस्वामी द्वारा प्रणीत प्रतिक्रमण पाठ के प्रमाण (प्रतिक्रमण ग्रंथत्रयी से)
श्री गौतमस्वामी द्वारा प्रणीत प्रतिक्रमण पाठ के प्रमाण (प्रतिक्रमण ग्रंथत्रयी से) श्रीगौतम स्वामी विरचित प्रतिक्रमण ग्रंथत्रयी ग्रंथ में श्री प्रभाचन्द्राचार्य ने संस्कृत टीका में अनेक स्थानों पर श्री गौतमस्वामी का नाम लिया है उनके प्रमाण इस ग्रंथ में देखिए। यह ग्रंथ वीरसंवत् २४७३ (सन् १९४७) में श्री १०८ चारित्रचक्रवर्ती—आचार्य—शांतिसागर दिगम्बर जैन जिनवाणी जीर्णोद्धारक संस्था से…