जन्माभिषेक
जन्माभिषेक…… परस्पर सैकड़ों उत्सव मनाते हुए वे देव बड़ी विभूति के साथ उत्तुंग सुमेरु पर्वत पर जा पहुँचे। उस सुमेरु पर्वत की ऊँचाई एक लाख योजन की है। पर्वत के आरम्भ में ही ‘भद्रशाल वन’ है। उस वन में परकोटा एवं ध्वजाओं से सुशोभित कल्याणकारक चार जैन-मन्दिर सुशोभित हैं। उस वन से 500 योजन ऊपर…