श्री भुजंगम तीर्थंकर पंचकल्याणक स्तुति
श्री भुजंगम तीर्थंकर पंचकल्याणक स्तुति —चौपाई— पूरब पुष्कर पूर्व विदेह, सीता नदि दक्षीण दिशेह। विजया नगरी जिनमति मात, वंदूँ गर्भकल्याणक नाथ।।१।। पिता महाबल हर्षित धन्य, श्री भुजंगम प्रभु का जन्म। मैं वंदूँ चरणाब्ज जिनेंद्र, जन्म कल्याण नमूँ शत इंद्र।।२।। चंद्र चिन्ह जनवत्सल नाथ, हुये विरक्त महा बड़भाग। लौकान्तिक सुर भक्ति विशाल, दीक्षा धरी नमूँ नत…