श्री सुबाहु तीर्थंकर पंचकल्याणक स्तुति
श्री सुबाहु तीर्थंकर पंचकल्याणक स्तुति….. —चौबोल छंद— श्री जम्बूद्वीप अपर विदेह, सीतोदा के उत्तर में। हैं पुरी अयोध्या के राजा, उन अंत:पुर आंगन में।। रत्न बरसते पिता खुशी से, बांट रहे हैं जन-जन में। इंद्र महोत्सव करते मिलकर, नमूँ गर्भकल्याणक मैं।।१।। ऐरावत हाथी पर चढ़कर, इंद्र शची सह आते हैं। जिन बालक को गोदी में…