ज्ञानतीर्थ की आरती
ज्ञानतीर्थ की आरती…. तर्ज-आने से जिनके आए बहार……….. हाथों में लेकर आरती का थाल, मन में है प्रभु की भक्ति ापार। हम सब आए हैं आरति करने।।टेक.।। अश्वसेन राजा, वामा माता के आंगन में। वाराणसि नगरि में, पारसनाथ जिनवर जनमे।। दीक्षा ली, बने बालयती, हम सब आए हैं आरति करने।।१।। पार्श्वनाथ जिनवर, समता धैर्य के…