तीर्थंकर जन्माभिषेक महिमा
तीर्थंकर जन्माभिषेक महिमा…… तीर्थंकर जन्माभिषेक वंदना जै जै जिनेन्द्र आपने जब जन्म था लिया। सम्पूर्ण लोक में महा आश्चर्य भर दिया।। सुरगृह में कल्पवृक्ष पुष्पवृष्टि कर झुके। देवों के सिंहासन भी आप आप कंप उठे।।१।। शीतल सुगन्ध वायु मंद मंद बही थी। पृथ्वी भी तो हिलने से मानो नाच रही थी।। संपूर्ण दिशायें गगन भी…