भजन
भजन……. -प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामता तर्ज-चाँद मेरे आ जा रे…….. पर्व दशलक्षण आया है-२, भक्तों ने प्रभु की भक्ती से अपना, उपवन सजाया है।। पर्व.।। दशलक्षण का ये बगीचा, कितना सुन्दर लगता है। भादों शुक्ला पंचमि से, चौदस तक यह सजता है।। पर्व दशलक्षण आया है।।१।। कर्मों की विलक्षण गति है, ये सबको नाच नचाते। इनसे…