शांतिधारा
शांतिधारा….. ॐ नम: सिद्धेभ्य:। श्री वीतरागाय नम:। ॐ नमोऽर्हते भगवते श्रीमते पार्श्वतीर्थंकराय द्वादशगणपरिवेष्टिताय, शुक्लध्यानपवित्राय, सर्वज्ञाय, स्वयंभुवे, सिद्धाय, बुद्धाय, परमात्मने, परमसुखाय, त्रैलोक्यमहीव्याप्ताय, अनन्तसंसार-चक्रपरिमर्दनाय, अनन्तदर्शनाय, अनंतज्ञानाय, अनन्तवीर्याय, अनन्तसुखाय, सिद्धाय, बुद्धाय, त्रैलोक्यवशज्र्राय, सत्यज्ञानाय, सत्यब्रह्मणे, धरणेन्द्रफणा-मण्डलमण्डिताय, ऋष्यार्यिका-श्रावक-श्राविकाप्रमुख-चतुस्संघोपसर्गविनाशनाय, घातिकर्मविनाशकाय, अघातिकर्मविनाशनाय, अपवायं छिंद छिंद, भिंद भिंद। मृत्युं छिन्द छिन्द भिन्द भिन्द। अतिकामं छिन्द छिन्द भिन्द भिन्द। रतिकामं छिन्द छिन्द भिन्द भिन्द।…